फ़िज़ूल ग़ज़ल
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कब कहाँ कैसे कोई बात कही जाती है
ये हुनर हो तो हर इक बात सुनी जाती है।
आप महफ़िल में जो आए तो खिले हैं चहरे
आप जाते हो तो होठों की हँसी जाती है।
कौन सी डोर है जो दिल को हमारे बांधे
क्यों ये बरबस ही' तेरी ओर खिंची जाती है।
सीख लो ये है महब्बत का चलन दिलवालो
आँख से' दिल की' तो' हर बात कही जाती है।
जब भी लेता है कोई नाम तेरा मेरे सनम
तेरी खुशबू मेरी सांसों में घुली जाती है।
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राजीव जोशी
फिजूल टाइम के लिए।
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कब कहाँ कैसे कोई बात कही जाती है
ये हुनर हो तो हर इक बात सुनी जाती है।
आप महफ़िल में जो आए तो खिले हैं चहरे
आप जाते हो तो होठों की हँसी जाती है।
कौन सी डोर है जो दिल को हमारे बांधे
क्यों ये बरबस ही' तेरी ओर खिंची जाती है।
सीख लो ये है महब्बत का चलन दिलवालो
आँख से' दिल की' तो' हर बात कही जाती है।
जब भी लेता है कोई नाम तेरा मेरे सनम
तेरी खुशबू मेरी सांसों में घुली जाती है।
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राजीव जोशी
फिजूल टाइम के लिए।
वाह बहुत सुन्दर। अनुसरणकर्ता गैजेट उपलब्ध कराइये। नीचे दिये गये रास्ते से :
ReplyDeletelog in to fijooltimes.blogspt.in with your email and password -- go to dash board-- click lay out -- at side bar click add gadget -- add followers
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ReplyDeleteआभार मैम
Deleteआभार मैम
Deleteबधाई राजीव । अवलोकन 2017 में रश्मि प्रभा जी के द्वारा तुम्हारे चिट्ठे का चयन करने के लिये । जाकर अवलोकन करें और आभार भी व्यक्त करें। :)
ReplyDeleteधन्यवाद सर
Deleteधन्यवाद सर
Deleteहृदय तल से आभार
ReplyDeleteहृदय तल से आभार
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteआभार नीतू जी
Deleteउम्दा बयानी..
ReplyDeleteदिली आभार
Deleteदिली आभार
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