*******फ़िज़ूल बसन्त
कौन है वो इस जगत में,जो समाया हर तरफ
हो गयी मादक दिशाएं,रंग छाया हर तरफ
यौवना नव सी धरा के मेघ दीवाने हुए
फूल भँवरे और तितली कौन लाया हर तरफ।
किसके आने की है आहट क्यों हवा मदमस्त है
क्यों धरा ने फिर गलीचा सा बिछाया हर तरफ।
फागुनी तन हो गया और मन बसन्ती हो गया
प्रेम की रसधार में हर सू नहाया हर तरफ।
फूल, कलियाँ खिल उठी हैं, है धरा पीताम्बरी
आगमन ऋतुराज का आनंद लाया हर तरफ।
आसमाँ धरती दिशाएं बूढ़े-बच्चे और जवाँ
आ गया लो आ गया ऋतुराज आया हर तरफ।
राह 'प्योंली' और 'सरसों' ने सजा दी इस कदर
देख अब 'राजीव' भी वो मुस्कुराया हर तरफ।
***
डॉ राजीव जोशी
बागेश्वर।
कौन है वो इस जगत में,जो समाया हर तरफ
हो गयी मादक दिशाएं,रंग छाया हर तरफ
यौवना नव सी धरा के मेघ दीवाने हुए
फूल भँवरे और तितली कौन लाया हर तरफ।
किसके आने की है आहट क्यों हवा मदमस्त है
क्यों धरा ने फिर गलीचा सा बिछाया हर तरफ।
फागुनी तन हो गया और मन बसन्ती हो गया
प्रेम की रसधार में हर सू नहाया हर तरफ।
फूल, कलियाँ खिल उठी हैं, है धरा पीताम्बरी
आगमन ऋतुराज का आनंद लाया हर तरफ।
आसमाँ धरती दिशाएं बूढ़े-बच्चे और जवाँ
आ गया लो आ गया ऋतुराज आया हर तरफ।
राह 'प्योंली' और 'सरसों' ने सजा दी इस कदर
देख अब 'राजीव' भी वो मुस्कुराया हर तरफ।
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डॉ राजीव जोशी
बागेश्वर।
लिखते रहें लगातार । बढ़िया।
ReplyDeleteआभार सर
ReplyDeleteस्नेहाशीष बनाए रखें
आभार सर
ReplyDeleteस्नेहाशीष बनाए रखें