**फिज़ूल ग़ज़ल**
*******
आइना झूठ सही, मन तो गवाही देगा
दिल पे रख हाथ जरा, सच ही सुनाई देगा।
ख़ाक हो जाएंगे वो गौहरे ताबाँ इक दिन
वक़्त के हाथ मुक़द्दर जो कलाई देगा।
उनके कानों में सियासत की ख़नक बसती है
अब कहाँ शोर गरीबों का सुनाई देगा।
फ़र्ज़ की राह में लालच से जो बच जाएंगे
रब उन्हें प्यार से तौफ़ीके कमाई देगा।
अब न 'राजीव' से कहना कि ये क्या लिखते हो
हो जिधर दर्द उधर घाव दिखाई देगा।
****
काफ़िया- ई
रदीफ़- देगा
बह्र- 2122 1122 1122 22
**?**??***
डॉ. राजीव जोशी
बागेश्वर।
*******
आइना झूठ सही, मन तो गवाही देगा
दिल पे रख हाथ जरा, सच ही सुनाई देगा।
ख़ाक हो जाएंगे वो गौहरे ताबाँ इक दिन
वक़्त के हाथ मुक़द्दर जो कलाई देगा।
उनके कानों में सियासत की ख़नक बसती है
अब कहाँ शोर गरीबों का सुनाई देगा।
फ़र्ज़ की राह में लालच से जो बच जाएंगे
रब उन्हें प्यार से तौफ़ीके कमाई देगा।
अब न 'राजीव' से कहना कि ये क्या लिखते हो
हो जिधर दर्द उधर घाव दिखाई देगा।
****
काफ़िया- ई
रदीफ़- देगा
बह्र- 2122 1122 1122 22
**?**??***
डॉ. राजीव जोशी
बागेश्वर।
बढ़िया।
ReplyDeleteप्रणाम सर्
Deleteधन्यवाद
ये ब्लॉग का system अभी ठीक से समझ नहीं आया।
बहुत सुन्दर ग़ज़ल गुरु जी।
ReplyDelete👍🏻👍🏻💐💐
धन्यवाद कोरंगा जी
ReplyDeleteआदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'सोमवार' २६ नवंबर २०१८ को साप्ताहिक 'सोमवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/
ReplyDeleteटीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'सोमवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।
आवश्यक सूचना : रचनाएं लिंक करने का उद्देश्य रचनाकार की मौलिकता का हनन करना कदापि नहीं हैं बल्कि उसके ब्लॉग तक साहित्य प्रेमियों को निर्बाध पहुँचाना है ताकि उक्त लेखक और उसकी रचनाधर्मिता से पाठक स्वयं परिचित हो सके, यही हमारा प्रयास है। यह कोई व्यवसायिक कार्य नहीं है बल्कि साहित्य के प्रति हमारा समर्पण है। सादर 'एकलव्य'
बहुत ख़ूब !
ReplyDeleteहम तो कहते हैं कि राजीव तू क्या लिखता है,
तेरे हर शेर में, आशिक़ का हशर दिखता है.
Gajab ka talent sir g
ReplyDeleteGajab ka talent sir g
ReplyDeleteआवश्यक सूचना :
ReplyDeleteअक्षय गौरव त्रैमासिक ई-पत्रिका के प्रथम आगामी अंक ( जनवरी-मार्च 2019 ) हेतु हम सभी रचनाकारों से हिंदी साहित्य की सभी विधाओं में रचनाएँ आमंत्रित करते हैं। 15 फरवरी 2019 तक रचनाएँ हमें प्रेषित की जा सकती हैं। रचनाएँ नीचे दिए गये ई-मेल पर प्रेषित करें- editor.akshayagaurav@gmail.com
अधिक जानकारी हेतु नीचे दिए गए लिंक पर जाएं !
https://www.akshayagaurav.com/p/e-patrika-january-march-2019.html
आवश्यक सूचना :
ReplyDeleteसभी गणमान्य पाठकों एवं रचनाकारों को सूचित करते हुए हमें अपार हर्ष का अनुभव हो रहा है कि अक्षय गौरव ई -पत्रिका जनवरी -मार्च अंक का प्रकाशन हो चुका है। कृपया पत्रिका को डाउनलोड करने हेतु नीचे दिए गए लिंक पर जायें और अधिक से अधिक पाठकों तक पहुँचाने हेतु लिंक शेयर करें ! सादर https://www.akshayagaurav.in/2019/05/january-march-2019.html